आज ही मैंने आप सब के सामने जौनपुर के एक जज डॉ दिलीप कुमार सिंह के बारे में बताया | ईमानदारी कि ऐसी मिसाल आज भ्रष्टाचार के युग में देखने ...
आज ही मैंने आप सब के सामने
जौनपुर के एक जज डॉ दिलीप कुमार सिंह के बारे में बताया | ईमानदारी कि ऐसी मिसाल
आज भ्रष्टाचार के युग में देखने को नहीं मिलती | भाई राजेन्द्र स्वर्णकार जी ने अपनी टिपण्णी में लिखा कि “इनके लेखन की बानगी भी यहां देते तो और अच्छा लगता” और मुझे अपनी इस गलती का एहसास हुआ |
डॉ. दिलीप सिंह जी के लेखों
और कविताओं से वे सभी परिचित हैं जो पूर्वांचल के अखबार पढ़ा करते हैं | उनके लेख
ज्ञानवर्धक और रोचक हुआ करते हैं जिनको एक बार इंसान पढ़ना शुरू करे तो उत्सुकतावश
अंत तक पढता ही चला जाता है |
डॉ दिलीप सिंह ज्योतिषीय और
ज्योतिर्विदीय गणनाओं में माहिर हैं देखिये इसका एक नमूना उनके ही लेख कहाँ थमेगा
सचिन के विजय रथ का कारवां के कुछ अंशों में | यह लेख डॉ दिलीप जी ने एक महीना पहले
मुझे भेजा था जिसमे कहा गया था कि “अब
२०१३ में उनका संन्यास सुनिश्चित है |
तिहरा शतक न लगा सकेंगे तथा व्यापार और राजनीति में चमकेंगे |” राजनीति में
चमकने वाली बात आज जब सत्य होती दिखाई पडी तो मुझे इस लेख कि याद आई और आप के
सामने पेश है यह लेख |
डॉ. दिलीप अपने लेख “कहाँ थमेगा सचिन के विजय रथ का कारवां” मे लिखते
हैं कि “जब क्रिकेट के भगवान सचिन रमेश तेदुलकर ३६८ दिनों से अपने महान सौंवे
शतक के लिए १३० करोड भारतियों कि आकांशा के लिए जूझ रहे थे एवं कपिल गांगुली जैसे
महान क्रिकेटरों के साथ तमाम छुटभैये क्रिकेटर तथा विश्लेषक उन्हें रिटायरमेंट कि बिन
मांगी मुफ्त में सलाह दे रहे थे| तमाम
ज्योतिर्विद उनके सौंवे शतक पे प्रश्न चिन्ह पैदा कर रहे थे तथा उनके ९९ के फेर
में ही रह जाने कि अटकलें लगाई जा रही थी तब मैंने अपनी गहन एवं सूछ्म ज्योतिर्विदीय एवं ज्योतिषीय गणनाओं के
आधार पे पूरे देश विदेश के खेल प्रेमियों एवं सचिन के प्रशंसकों को यह आश्वस्त
किया था कि मार्च २०१२ के अंत तक महा मास्टर ब्लास्टर का शतक अवश्य लग जाएगा |
हर समाचार पत्रों मैं उनकी कुंडली भी दी थी
साथ मैं यह भी बिलकुल साफ़ लिखा था कि २०१३
के पहले सचिन संन्यास नहीं लेंगे |
ठीक ३६९ दिन नाकामी का सफर झेलने के बाद लघु विजेता सचिन ने १४७ गेंदों पे १२
चोकों और १ छक्के कि मदद से शानदार ११४ रन कूट डाले तथा मीरपुर बंगलादेश का शेरे
बंगाल का स्टेडियम “भारतीय बाघ” कि दहाड़ का गवाह बना | सारा देश खुशी से झूम उठा |
सचिन ने अपनी चिर परिचित मुस्कान के साथ
बल्ला लहर कर भगवान का धन्यवाद
करते हुए उठित जवाब दे डाला |
सचिन का महाशातक वेस्टइंडीज दौरे में सुनिश्चित था जिसे छोडकर उन्होंने ने
भारी गलती किया | अब २०१३ में
उनका संन्यास सुनिश्चित है | तिहरा शतक न
लगा सकेंगे तथा व्यापार और राजनीति में चमकेंगे |
ज्योतिष के आधारपर इस महानतम खिलाडी की विवेचना करें | २४ अप्रैल १९७३ ई० को विराट
नगरी मुंबई में ७२:५० पूर्वी देशांतर तथा १८:५८ उत्तरी अक्षॉस पर धनु राशि एवं
सिंह लगन में हुआ | रशिपति व्र्हस्पति, लग्नेश सूर्य दोनों ने सचिन को अटूट
आस्थावान कर्मयोगी बना दिया है | इसी से क्षीण भाग्य के पश्चात भी उनका सफर २०१३
से पूर्व तो खत्म होगा ही नहीं | उन्हें खत्म करने वाले स्वम खत्म हो जाएंगे |
राहु कि महादशा २०१६ तक है अत: तब तक सचिन का करियर चल सकता है | पर ज्योतिष की
भारतीय एवं पाश्चात्य सभी गणनाओं में यह
स्पष्ट है कि चोट-चपेट , षड्यंत्रों इत्यादि के चलते वे २०१४ तक क्रिकेट के सभी
प्रारूपों को अलविदा कह देंगे |
वे ५००-५५० एक दिनी टेस्ट खेल कर २०-२२ हज़ार रन ५१-५७ शतक १००-१०५ अर्धशतक बना
सकते हैं जबकि २००-२१० अधिकतम टेस्ट खेल कर ५३-६० शतक एवं ६५-७० अर्धशतक सहित
१८-२० हज़ार रन कूट सकते हैं. एक दिनी में
२०० से ज्यादा रन और टेस्ट में ३०० से ज्यादा रन वो नहीं बना पायेंगे | छक्कों का
कीर्तिमान ,सबसे तेज शतक,अर्धशतक,टेस्ट एवं एक दिनी में,एक ओवर में सर्वाधिक रन,
कैचों और छक्कों का रिकार्ड सबसे ज्यादा समय खेलने का रिकार्ड तथा कुछ अन्य उनकी
पहुँच से सदा दूर रहेंगे |
Dr. Dileep Kumar Singh
Juri Judge, Member Lok Adalat,DLSA, Astrologist,Astronomist,Jurist,Vastu and Gem Kundli Expert.