" आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की छठी पेशकश . आज मिलिए पूजा शर्मा जी से जो ख्यालों को बेहतरीन अंदाज़ मैं कलमबंद करन...
"आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की छठी पेशकश. आज मिलिए पूजा शर्मा जी से जो ख्यालों को बेहतरीन अंदाज़ मैं कलमबंद करने मैं माहिर हैं. पूजा जी की लेखनी की धार के सभी काएल हैं .मुझे यकीन है की एक दिन पूजा आसमान की ऊंचाइयों को छुएंगी. शुभकामनाओं के साथ पेश हैं.
जब यूं बात चली थी अमन, चैन की बातें करने के लिए, लोगों को समझाने के लिए, तो एक पल दिमाग सुन्न हो गया कि किसे समझाने जायेंगे??? आजकल लोग अपनी-अपनी धारणाओं के साथ घूमतें हैं, और सिर्फ वही सही समझते हैं. बल्कि सामनेवाले को ही गलत ठहरा देते हैं... बस तभी इस विचार न इस कविता का रूप ले लिया... पर सच कहूं तो आज लोगों को समझाना जितना मुश्किल है उतना ही जरूरी भी... उम्मीद है ये सफ़र जल्दी पूरा हो और हम अपने मुकाम पर हों... ……पूजा.शर्मा ..
एक पैगाम अमन का
एक पैगाम चैन का
एक पैगाम मोहब्बत का
एक पैगाम शान्ति का
एक पैगाम भाईचारे का....
किसके लिए??? :: इस दुनिया के लिए.
क्यों???
::यहाँ चरों ओर प्यार फ़ैलाने के लिए.
पर क्या ये दुनियावाले समझेंगें???
::हाँ समझेंगे क्यों नहीं.
क्योंकी...
इन्हें समझाना थोड़ी-सी टेड़ी खीर है
शायद उसकी वजह, इनका सोया हुआ ज़मीर है.
पर ये तो अमन, चैन, मोहब्बत, शांति, भाईचारा...
सबकुछ जानतें हैं...
ज़रा कभी पूछना इनसे... बतायेंगें...
अमन... किसी लड़के का नाम है
शायद इसी शहर के दूसरे मोहल्ले में रहता है
और 12th कक्षा पढता है...
चैन... चांदी या सोने की होती है
पर आज-कल लोग कम ही पहनते हैं
क्योंकि आए-दिन chain snitching की वारदातें जो होतीं हैं...
मोहब्बत... बहुत पढ़ा और सुना है
यदि कोई लड़का किसी लडकी से मोहब्बत करता है तो
14 फरवरी को शिव सेना से बचाते बचाते
उसे propose कर सकता है...
शान्ति... वो तो टी.वी. के एक सीरियल का नाम था
हाँ शाहरुख़ की फिल्म का भी...
या फ़िर किसी पुराणी फुफ्फी या ताई का नाम होगा
वर्ना कामवाली बाई का नाम तो fix ही होगा...
और भाईचारा...ये तो देखिये नेताओ के काम हैं
ये शब्द उनके वोटों का पक्का इंतजाम है...
अब बोलिए...
किसके लिए देना है पैगाम
कौन सा पता और किसके नाम
???
………………पूजा..शर्मा
सच कहूं तो आज लोगों को समझाना जितना मुश्किल है उतना ही जरूरी भी...
जब यूं बात चली थी अमन, चैन की बातें करने के लिए, लोगों को समझाने के लिए, तो एक पल दिमाग सुन्न हो गया कि किसे समझाने जायेंगे??? आजकल लोग अपनी-अपनी धारणाओं के साथ घूमतें हैं, और सिर्फ वही सही समझते हैं. बल्कि सामनेवाले को ही गलत ठहरा देते हैं... बस तभी इस विचार न इस कविता का रूप ले लिया... पर सच कहूं तो आज लोगों को समझाना जितना मुश्किल है उतना ही जरूरी भी... उम्मीद है ये सफ़र जल्दी पूरा हो और हम अपने मुकाम पर हों... ……पूजा.शर्मा ..
एक पैगाम अमन का
एक पैगाम चैन का
एक पैगाम मोहब्बत का
एक पैगाम शान्ति का
एक पैगाम भाईचारे का....
किसके लिए??? :: इस दुनिया के लिए.
क्यों???
::यहाँ चरों ओर प्यार फ़ैलाने के लिए.
पर क्या ये दुनियावाले समझेंगें???
::हाँ समझेंगे क्यों नहीं.
क्योंकी...
इन्हें समझाना थोड़ी-सी टेड़ी खीर है
शायद उसकी वजह, इनका सोया हुआ ज़मीर है.
पर ये तो अमन, चैन, मोहब्बत, शांति, भाईचारा...
सबकुछ जानतें हैं...
ज़रा कभी पूछना इनसे... बतायेंगें...
अमन... किसी लड़के का नाम है
शायद इसी शहर के दूसरे मोहल्ले में रहता है
और 12th कक्षा पढता है...
चैन... चांदी या सोने की होती है
पर आज-कल लोग कम ही पहनते हैं
क्योंकि आए-दिन chain snitching की वारदातें जो होतीं हैं...
मोहब्बत... बहुत पढ़ा और सुना है
यदि कोई लड़का किसी लडकी से मोहब्बत करता है तो
14 फरवरी को शिव सेना से बचाते बचाते
उसे propose कर सकता है...
शान्ति... वो तो टी.वी. के एक सीरियल का नाम था
हाँ शाहरुख़ की फिल्म का भी...
या फ़िर किसी पुराणी फुफ्फी या ताई का नाम होगा
वर्ना कामवाली बाई का नाम तो fix ही होगा...
और भाईचारा...ये तो देखिये नेताओ के काम हैं
ये शब्द उनके वोटों का पक्का इंतजाम है...
अब बोलिए...
किसके लिए देना है पैगाम
कौन सा पता और किसके नाम
???
………………पूजा..शर्मा