डॉ टी एस दाराल जी मेडिकल डॉक्टर, न्युक्लीअर मेडीसिन फिजिसियन हैं , ओ आर एस पर शोध में गोल्ड मैडल-- एपीडेमिक ड्रोप्सी पर डायग्नोस्टिक क्र...

आज पेश के खिदमत है गणतंत्र दिवस पर लिखा डॉ टी एस दराल जी का एक संक्षिप्त लेख.
२६ जनवरी की सुहानी भोर में मैं आप सब को प्रणाम करता हूँ । सर्वप्रथम मैं आप सब को देश के गणतंत्र दिवस की ६१वीं सालगिरह पर हार्दिक बधाई देता हूँ । साथ ही मंगल कामना करता हूँ कि हमारा प्यारा देश प्रगति के पथ पर सदैव अग्रसर रहे।
लेकिन दोस्तों , यदि कामना करने से ही बात बन जाती तो हम कब के विकसित हो गए होते ।
यह देखकर अति कष्ट की अनुभूति होती है कि स्वतंत्रता के ६३ वर्षों के बाद भी हमारा देश एक विकासशील देश हीकहलाता है ।
क्या हम कभी विकसित देश नहीं कहलायेंगे ?
यूँ तो इन ६१ सालों में देश में बहुत उन्नत्ति हुई है । लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना शेष है ।
अंग्रेजों से मुक्ति मिली , स्वराज कायम हुआ ।
लेकिन क्या हम आज स्वतंत्र हैं ?
आज देश में जो हालत दिखाई दे रहे हैं --कहीं एक के बाद एक घोटालों की खबर , तो कहीं विदेशी बैंकों में लाखोंकरोड़ रुपया जमा, और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार इस बात को दर्शाता है कि अभी हमारी लड़ाई एक ऐसे दुश्मन सेहै जो बाहर नहीं बल्कि हमारे अपने ही देश में , अपने समाज में , यहाँ तक कि स्वयं अपने ही अन्दर छुपा बैठा है ।
और वो दुश्मन है हमारी लालच की प्रवृति , जिसके रहते हर कोई हेराफेरी , रिश्वतखोरी , और भ्रष्टाचार में लिप्तनज़र आ रहा है ।
कल ही महाराष्ट्र में एक इमानदार और देश भक्त सरकारी अफसर की पेट्रोल माफिया द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई , क्योंकि वहउन्हें पेट्रोल में मिलावट करने से रोक रहा था ।
यदि हम अपने अन्दर छुपे इस दुश्मन को नहीं जीत पाए तो हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हुए भीसदैव एक विकासशील देश ही बना रहेगा ।
आइये इस गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में हम सब प्राण करें कि लोभ पर विजय प्राप्त कर हम केवल मानव हित में कार्य करेंगे । तभी गणतंत्र दिवस पर हमारा तिरंगा फहराना सार्थक सिद्ध होगा ।
जय हिंद ।
नोट : लो भई हम भी नेता बन गए । लेकिन इस तरह का भाषण तो कोई भी छोटा मोटा नेता दे सकता है । बाततो तब बने जब हम इन बातों को अपने जीवन में अपनाकर दिखाएँ ।
..Dr Tarif Daral
आज जब टी एस दाराल जी को पेश किया है तो उनका एक विडियो भी दिखाता चलूँ. इस विडियो का अंतिम हिस्सा उनकी बेहतरीन फ़िक्र की पहचान है..