कुछ समय पहले मैंने एक लेख़ लिखा था "झूटी शान और सम्मान चक्कर से बाहर निकले ब्लॉगजगत" लेख़ का मकसद था लोगों को अच्छा लिखने ...
कुछ समय पहले मैंने एक लेख़ लिखा था "झूटी शान और सम्मान चक्कर से बाहर निकले ब्लॉगजगत" लेख़ का मकसद था लोगों को अच्छा लिखने के लिए प्रोत्साहित करना क्यों कि जो अच्छा लिखेगा वो खुद मशहूर हो जाएगा. लेकिन हम सभी को शार्ट कट से बहुत कुछ पा लेने की आदत होती है और अपनी इसी कमजोरी के कारण हम बेवकूफ बना करते हैं और नुकसान उठाते हैं.
मुझे याद है जब से मैंने होश संभाला तभी से फिल्मों में हीरो और हेरोइन बनाने के नाम पे धोका धडी की खबरें भी सुनता चला आ रहा हूँ. अधिकतर शिकार वही होते हैं जिनमें प्रतिभा कम होती है इसलिए शोर्ट कट की तलाश में लुट जाते हैं. बावजूद इसके की लाखों लोग ऐसे झूटों के चक्कर में बर्बाद हो गए नए शिकार बनने वालों की संख्या में कमी नहीं आयी . आज भी लोग ख़ास कर के लड़कियां हिरोइन बनने के नाम पे बड़ी बर्बाद होती हैं.
चिट फंड के नाम पे, कभी एक लाख दो और हर महीने ८ हज़ार पो ५ साल तक जैसे वादे करने वाली जालसाज़ कम्पनियाँ अरबों रुपये कमा के भाग जाया करती हैं और हम रोते रह जाते हैं. इसी प्रकार नौकरी दिलाने के नाम पर ना जाने कितने लोग लाखों कमा रहे हैं.
इन्टरनेट आने के बाद से ऐसे धोकेबाज़ों के लिए अधिक लोगों तब पहुँचने के रास्ते आसान होते जा रहे हैं. . आज भी ऑनलाइन कमाने के नाम पे हजारों जाली वेबसाइट बनी हुई हैं जहाँ आप को सब्ज़ बाग दिखाए दिखाए जाते हैं, कमाई के चेक स्कैन कर के डाले जाते हैं, जिन लोगों ने कमाया उनके विडियो भी दिखाए जाते हैं. लेकिन होता सब झूट है. जब आप उनके मेम्बर बनना चाहते हैं तो कहीं ९००/- कहीं ३०००/ रुपये कहीं १०००/- रुपये दे के मेम्बर बनना होता है. आप मेम्बर बने की उनका काम हो गया ,फिर आप मेल भेजते रहें कुछ नहीं होता.
गूगल एडसेंस से आप की अगर कोई अंग्रेजी की वेबसाइट है तो कमाना आसान है लेकिन सवाल यह उठता है की कितना? आप कितना कमा सकते हैं यह निर्भर करता है कि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पे कितने पाठक खींच सकते हैं. लेकिन आप को ना जाने कितनी वेबसाइट इस बात का दावा करते हुई क़ि एक महीने में ५०० से अधिक डालर कमाएं आप का जेब हल्का कर लेने कामयाब हैं.
इसी प्रकार आप को इ मेल या मोबाइल पे खबर दी जाती हैं आप के ए मेल या मोबाइल नंबर के करोड़ डोल्लर का इनाम मिला है आप ऐसा करें और अपनी डिटेल भेजें. इनके चक्कर में पड़ा करोड़ पाने की लालच में लाख गँवा देता है.
टेलिविज़न खोलो तो कोई धार्मिक यंत्र बेच रहा है कोई रातों रात आप की मुश्किल हल होने की रंगीन किताब ,कोई रातों रात आपको क़र्ज़ मुक्त हो जाने कि गारंटी दे रहा है तो कोई लखपति बना रहा है, कोई वादा कर रहा है कि आप का परिवार सुखी होगा , तो कोई मुक़दमे में आप कि जीत होगी इस बात का दवा कर रहा है. ऐसा लगता है कि मेहनत की आवश्यकता अब नहीं रह गयी सब कुछ ५-६ हज़ार की तावीज़ और लाल पीली नीली किताबों से मिल सकता है.
अब हिंदी ब्लॉगजगत में भी झूठे वादों और प्रलोभन के सहारे पे आप से एक बड़ी रक़म ऐंठ लेने वालों के बारे में खबरें आने लगी हैं. इनका शिकार अधिकतर नए ब्लॉगर और महिला ब्लॉगर हो रही हैं. आप अगर हिंदी ब्लॉगजगत में नए हैं, या अभी अभी कविता कहना और लिखना शुरू किया है तो अपनी लेखनी को और बेहतर बनाएं यकीन जानिए बहुत जल्द आप के लेख़ और कविताएँ अख़बारों और पत्रिकाओं में भी छपने लगेंगे. कहीं ऐसा ना हो की इन शार्ट कट के चक्करों में पड के आपकी जेब भी हलकी हो जाए और हाथ भी कुछ ना आये.
इनके शिकार दो तरह के लोग होते हैं . एक वो जो आसान रास्ते से अधिक धन या नाम कमाने की इच्छा रखते हैं और दूसरे वो जो किसी कारणवश बेरोजगार हैं. इसमें उस महिलाओं की संख्या अधिक हुआ करती है जो घर में समय का सदुपयोग कर के कुछ कमा लेना चाहती हैं. यह सही है कि ऑन लाइन कमाया जा सकता है लेकिन यह एक मेहनत का काम है.
सवाल उठता है क़ि हम ऐसे क्यों हैं? क्यों हर चीज़ शार्ट कट से बिना मेहनत के पा लेना चाहते हैं और बेक़कूफ़ बनते जाते हैं. याद रखें यह शार्ट कट के रास्ते से शोहरत और पैसा कमाने का शौक बर्बाद ही कर सकता है फायदा कभी नहीं पहुंचा सकता क्यों कि मेहनत और लगन से समय दे के कमाया धन ही टिकाऊ हुआ करता है और यदि कोई अपनी प्रतिभा और मेहनत पे भरोसा करता है तो किसी तरह का प्रलोभन उसपर असर नहीं कर सकता.
Jaunpur city hindi मन कै अँधेरिया अँजोरिया से पूछै… आवाज-डा. मनोज मिश्र
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