मैं बहुत से ब्लॉग पे जाता हूँ, बहुत सी जगहों पे टिप्पणी करता हूँ? अक्सर लोग उन टिप्पणिओं का जवाब वही दे दिया करते हैं, जो मैं अधिकतर देख न...
मैं बहुत से ब्लॉग पे जाता हूँ, बहुत सी जगहों पे टिप्पणी करता हूँ? अक्सर लोग उन टिप्पणिओं का जवाब वही दे दिया करते हैं, जो मैं अधिकतर देख नहीं पाता. यदि आप चाहते हैं की आप के सवालों का जवाब मिले तो अपने जवाब यहाँ दर्ज करवा दें.
यदि आप को "अमन के पैग़ाम" से कोई शिकायत हो तो यहाँ अपनी शिकायत दर्ज करवा दें. इस से हमें अपने इस अमन के पैग़ाम को और प्रभावशाली बनाने मैं सहायता मिलेगी,जिसका फाएदा पूरे समाज को होगा. आप सब का सहयोग ही इस समाज मैं अमन , शांति और धार्मिक सौहाद्र काएम कर सकता है.
अक्सर देखा गया है की लोग अपने ब्लॉग पे मशविरा देते हैं " अमन का पैग़ाम कैसे दिया जाए या कैसे ना दिया जाए, जिन्हें मैं अक्सर व्यस्तता के कारण देख नहीं पाता. यदि आप वोह मशविरे यहाँ दें तो इसका फाएदा सभी को पहुंचेगा.
मुझे बहुत ही कम समय मैं बहुत से शांति पसंद ब्लोगेर दोस्त मिले और मैं उन सब का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी मदद इस शांति सदेश को लोगों तक पहुँचाने मैं मदद की.
अपने कीमती मशविरे देने के लिए यहाँ जाएं
ऐसा कोई इंसान नहीं जिसमें कोई कमी ना हो या वो कोई ग़लती ना करता हो. मुझे भी अपने जैसा इंसान समझें. आपके कीमती विचारों का स्वागत है.
हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम ने कहा कि अगर किसी ने तुम से नाता तोड़ लिया है तो उससे नाता जोड़ो। जिसने तुमको कुछ देने से जान बचाई तुम उसको देने से पीछे न हटो। जिसने तुम्हारे साथ बुराई की है तुम उसके साथ भलाई करो। अगर किसी ने तुमको अपशब्द कहे हैं तो तुम उसको सलाम करो। अगर किसी ने तुम्हारे साथ शत्रुता पूर्ण व्यवहार किया है तो तुम उसके साथ न्याय पूर्वक व्यवहार करो। अगर किसी ने तुम्हारे ऊपर अत्याचार किया है तो उसको क्षमा कर दो जैसा कि तुम चाहते हो कि तुम्हे क्षमा कर दिया जाये। हमे यह अल्लाह के क्षमादान से यह सीखना चाहिए क्या तुम नही देखते हो कि वह सूर्य अच्छे व बुरे दोनो प्रकार के व्यक्तियों के लिए चमकाता है। व अच्छे व बुरे सभी लोगों के लिए वर्षा करता है.
सादर
स.म.मासूम
face Book pe Aman ka Paigham
Google Group pe Aman Ka Paigham
यदि आप को "अमन के पैग़ाम" से कोई शिकायत हो तो यहाँ अपनी शिकायत दर्ज करवा दें. इस से हमें अपने इस अमन के पैग़ाम को और प्रभावशाली बनाने मैं सहायता मिलेगी,जिसका फाएदा पूरे समाज को होगा. आप सब का सहयोग ही इस समाज मैं अमन , शांति और धार्मिक सौहाद्र काएम कर सकता है.
अक्सर देखा गया है की लोग अपने ब्लॉग पे मशविरा देते हैं " अमन का पैग़ाम कैसे दिया जाए या कैसे ना दिया जाए, जिन्हें मैं अक्सर व्यस्तता के कारण देख नहीं पाता. यदि आप वोह मशविरे यहाँ दें तो इसका फाएदा सभी को पहुंचेगा.
मुझे बहुत ही कम समय मैं बहुत से शांति पसंद ब्लोगेर दोस्त मिले और मैं उन सब का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी मदद इस शांति सदेश को लोगों तक पहुँचाने मैं मदद की.
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ऐसा कोई इंसान नहीं जिसमें कोई कमी ना हो या वो कोई ग़लती ना करता हो. मुझे भी अपने जैसा इंसान समझें. आपके कीमती विचारों का स्वागत है.
हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम ने कहा कि अगर किसी ने तुम से नाता तोड़ लिया है तो उससे नाता जोड़ो। जिसने तुमको कुछ देने से जान बचाई तुम उसको देने से पीछे न हटो। जिसने तुम्हारे साथ बुराई की है तुम उसके साथ भलाई करो। अगर किसी ने तुमको अपशब्द कहे हैं तो तुम उसको सलाम करो। अगर किसी ने तुम्हारे साथ शत्रुता पूर्ण व्यवहार किया है तो तुम उसके साथ न्याय पूर्वक व्यवहार करो। अगर किसी ने तुम्हारे ऊपर अत्याचार किया है तो उसको क्षमा कर दो जैसा कि तुम चाहते हो कि तुम्हे क्षमा कर दिया जाये। हमे यह अल्लाह के क्षमादान से यह सीखना चाहिए क्या तुम नही देखते हो कि वह सूर्य अच्छे व बुरे दोनो प्रकार के व्यक्तियों के लिए चमकाता है। व अच्छे व बुरे सभी लोगों के लिए वर्षा करता है.
सादर
स.म.मासूम
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