अयातुल्लाह सीस्तानी अभी तक लोग सुनते रहे हैं कि आतंकवादी बेगुनाहों की जान लेने को जिहाद बताते हैं और लोगों गुमराह करके नरसंहार करव...
अयातुल्लाह सीस्तानी |
अभी तक लोग सुनते रहे हैं कि आतंकवादी बेगुनाहों की जान लेने को जिहाद बताते हैं और लोगों गुमराह करके नरसंहार करवाया करते हैं | हकीकत में यह इस्लाम नहीं लेकिन कैसे समझाया जाए लोगों को जब दुनिया को दिख यही रहा है | कुछ गिनती के आतंकवादी ऐसा करते रहे और इस्लाम बदनाम होता रहा | पिछले शुक्रवार इस्लाम के सबसे बड़े नेता -मुजतहिद- आलिम अयातुल्लाह सीस्तानी ने इराक में आतंकवादियों के खिलाफ एलान ऐ जंग कर दिया और “जिहाद ऐ किफायी” का फतवा ज़ारी कर दिया | जिसका मतलब यह होता है की इस आतंवाद के खिलाफ जंग में जो मारा गया वो अल्लाह की राह में मारा जायेगा और इसे जन्नत मिलेगी | अयातुल्लाह सीस्तानी का यह एलान ऐ जिहाद हकीकत में “जिदाह ऐ किफाई” है जिसका मतलब यह है की यह इराक के लोगों पे वाजिब है की वो बेगुनाह इंसानों की जान माल की हिफाज़त के लिए और इस्लामी मकामात की हिफाज़त के लिए आतंकवादियों के खिलाफ हथियार उठा लें लेकिन अगर कोई समूह या इंसान इस काम को आसानी ने अंजाम दे देता है और आतंकवाद काबू में आ जाता है तो अन्य लोगों के लिए यह जिहाद वाजिब नहीं है | यह जिहाद ऐ किफाई इराक में आतंकवाद का अंत होते ही ख़त्म हो जायेगा |
अयातुल्लाह सीस्तानी मुसलमानों के सबसे बड़े आलिम (ज्ञानी) हैं और पूरी दुनिया के शिया मुसलमान उनकी तकलीद किया करते हैं | तकलीद का मतलब होता है जो वो कह दें वही किया जाएगा | यह जिहाद का फतवा वैसे तो इराक के लिए ही है लेकिन इस फतवे ने यह ज़रूर बता दिया दुनिया को की इस्लाम आतंकवाद और ज़ुल्म के खिलाफ है और ऐसा इस्लाम आज भी जिंदा है जिसके इमाम अयातुल्लाह शीस्तानी हैं | अयातुल्लाह सीस्तानी वो शक्सियत हैं जिनके लिए पूरी दुनिया से बार बार नोबल पुरस्कार देने की बात उठती रही है जो अयातुल्लाह के खुद इनकार करने के बाद ख़त्म हो गयी |
इस फतवे की कुछ ख़ास बातें हैं जो ध्यान देने योग्य है | यह फतवा इराक में लोगों की जान माल और इस्लामी मकामात की हिफाज़त के लिए दिया गया है और यह जिहाद उनके खिलाफ है जो ज़ालिम हैं ,आतंकवादी हैं| इस जिहाद की आवाज़ पे इराक के सभी शिया और सुन्नी एक साथ हो के इस्लामी चरमपंथियों से लड़ रहे हैं और इंशाल्लाह जल्द इराक में अमनओ अमान होगा |यह फतवा सिर्फ इराक के लोगों के लिए है ना की पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए है इसलिए आप बेगुनाहों के हक में दुआ करें और लोगों के बीच जा के इसे समझाएं और मुसलमानों को एक करें , फिरका परस्ती को ख़त्म करें |
यह और बात है की आतंकवाद के समर्थक यह अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं की अयातुल्लाह का फतवा इन आतंकवादियों को काबू करने के लिए काफी नहीं है क्यूँ की वो यह नहीं चाहते की अयातुल्लाह की ताक़त दुनिया पहचान ले | अमेरिका ने इस्लामी चरमपंथियों द्वारा 1700 इराकी शिया वायुसेना रंगरूटों के ‘नरसंहार’ की रिपोर्ट की निंदा करते हुए इसे ‘भयावह’ बताया है और सभी इराकियों से हिंसा के खिलाफ एकजुट होने को कहा है। विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, ‘‘तिकरित में 1700 इराकी शिया वायुसेना रंगरूटों के नरसंहार का इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लवेंट (आईएसआईएल) का दावा भयावह है और इन आतंकियों के खून-खराबे के इरादों की तस्वीर पेश करता है।’’उन्होंने कहा कि अमेरिका कड़े से कड़े शब्दों में इस तरह की हरकतों की निंदा करता है और हिंसा की इस भयावह घटना के खिलाफ एकजुटता में इराक के साथ खड़ा है। साकी ने कहा, ‘‘हालांकि, हम इन खबरों की पुष्टि नहीं कर सकते, आईएसआईएल का प्राथमिक लक्ष्य सभी इराकियों के दिल में खौफ पैदा करना और लोगों के बीच सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है।
आज आयातुल्लाह सीस्तानी के फतवा आते ही दुनिया के सामने यह बात आ गयी की इस्लाम अमन और शांति का मज़हब है और यह हमेशा से ज़ुल्म के खिलाफ रहा है लेकिन इस्लाम की अमन पसंदी लोगों को पसंद नहीं आती और नतीजे में उनपे ज़ुल्म किया जाता रहा | आज जगह जगह अमन पसंद मुसलमानों का आतंकवादियों द्वारा मारा जाना इस बात को सही साबित कर रहा है |
आज दुनिया में इस आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठा शुरू हो गयी है और अमेरिका समेत बहुत से सुन्नी उलेमाओं ने भी इस बात को माना है और अयातुल्लाह सीस्तानी की सराहना की है | यदि दुनिया ने साथ दिया तो इराक ही नहीं पूरी दुनिया से इस आतंकवाद और ज़ुल्म का सफाया जल्द हो जायेगा | देखना यह है की दुनिया के अन्य लोग और संस्थाएं जो दुनिया में aman और शांति के लिए काम करती हैं उनका क्या रुख होता है इस आतंकवाद और इराक में बेगुनाहं के नरसंहार के बारे में ? इराक में तो अयातुल्लाह सीस्तानी के जिहाद के एलान के बाद आतंकवाद के खिलाफ शिया और सुन्नी दोनों का साथ आ जाना यह बता रहा है जल्द इराक से आतंकवाद का अंत होगा |
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